गुप्ता के मुताबिक, नियम यह है कि अगर कोई कार्य एक करोड़ रुपये से अधिक का होता है, तो उसमें मुख्य तकनीकी निरीक्षक की अनुमति लेनी जरूरी है।
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इन कार्यों को करने में काफी भ्रष्टाचार के सबूत मिले, जिस पर सीबीआई ने निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण किया और पाया कि लगभग 600 करोड़ रुपये के सभी 884 वर्क ऑर्डर जानबूझ कर टुकड़ों में ठेकेदारों को सौंपे गए, ताकि मुख्य तकनीकी निरीक्षक की अनुमति न लेनी पड़े।